LCD ka Full Form | LCD का फूल फॉर्म | एलसीडी का मतलब

LCD का Full Form क्या होता है?

LCD Full Form - " Liquid-Crystal Display "

LCD जिसका मतलब Liquid Crystal Display होता है । यह एक प्रकार का Flat Panel Display Technology है जो हमे  T.V, Monitor इत्यादि मे दिखाता है लेकिन अब तो Mobile Phones मे भी यह Technology इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होने लगा है।

LCD T.V पहले के पुराने CRT T.V से अलग है क्योकि CRT Cathode Ray का इस्तेमाल करता है तो वही LCD Liquid Crystal का इस्तेमाल करता है।

LCD (एलसीडी) कैसे काम करता है?

LCD Display मे लाखो के संख्या मे Pixel होते है जो की Crystal से बने होते है। वो एक Rectangular Grid मे Arranged होते है। एलसीडी मे हर Pixel का अपना लाइट होता है जो मुख्यतः तीन प्रकार का होता है (RGB) Red Green Blue जो की Turn on और Turn Off  होता है। जब LCD मे लगे सारे Pixels off  हो जाते है तब display Black हो जाता है और जब सारे pixel on हो जाते है तब Display White हो जाता है। 

येही तीन प्रकार के पिक्सेल से मिलकर सारे Color बनते है और Display पर कोई Picture draw होता है । Basically LCD के मुख्य part ये छोटे छोटे Pixel ही होते है ।

LCD के कितने Part होते है?


LCD के दो Parts होते है  Solid और Liquid ये दोनों मिलकर LCD मे कोई भी Image Render करते है।
Solid Crystal और liquid दोनों मिलकर एक Image बनाते है जो हमे Display पर दिखाता है।

LCD मे दो तरह के Pixel Grids होते है।
  1. Active Matrix Grid
  2. Passive Matrix Grid 
Active Matrix Grids - यह एक नया तकनीक है जो आज कल Smartphone मे ज्यादा देखने को मिलता है ।
Passive Matrix Grids - यह पुराना तकनीक है जो पुराने कुछ डिवाइस मे इस्तेमाल किए जाते थे ।  


LCD ka Full Form | LCD का फूल फॉर्म | एलसीडी का मतलब

History of LCD - एलसीडी का इतिहास

एलसीडी डिस्प्ले को पहली बार 1964 में RCA लैबोरेटरीज में George Heilmeier द्वारा बनाया गया था जो RCA lab में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे।

सबसे पहले वर्ष 1888 में, Liquid Crystal की खोज Friedrich Reinitzer ने गाजर से निकाले गए cholesterol द्वारा की थी, जो एक ऑस्ट्रियाई वनस्पतिशास्त्री थे। उस समय लिक्विड क्रिस्टल का प्रयोग अनुसंधान और प्रायोगिक कार्यों में किया जाता था। फिर वर्ष 1936 तक, लिक्विड क्रिस्टल का उपयोग व्यावहारिक अनुप्रयोग में किया गया था और लिक्विड क्रिस्टल लाइट वाल्व के रूप में जाना जाता था जिसका उपयोग वायरलेस टेलीग्राफी में किया जाता है।

फिर वर्ष 1962 में आरसीए के एक शोधकर्ता रिचर्ड विलियम्स ने उस पर वोल्टेज लगाकर लिक्विड क्रिस्टल सामग्री की एक पतली परत में कुछ पैटर्न तैयार किए, जिसे इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल प्रभाव के रूप में जाना जाता है। इन सब चीजों के बाद आखिरकार 1964 में LCD का अविष्कार हुआ।

पहला आधुनिक LCD 1972 में इंटरनेशनल लिक्विड क्रिस्टल कंपनी (ILIXCO) के मालिक James Fergason द्वारा तैयार किया गया था। इस LCD को पैसिव ग्रिड टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाया गया था। वर्ष 1995 में हिताची और एनईसी सक्रिय मैट्रिक्स एलसीडी के पहले निर्माता थे। ये LCD IPS (इन प्लेन स्विचिंग) तकनीक पर आधारित हैं। इन सबके बाद साल 1996 तक सैमसंग तोशिबा बाजार में आ चुकी है।

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